संस्था के उददेश्य व लक्ष्यः-
जिन उद्देश्यों के लिए संस्था की स्थापना की गई है वे निम्न प्रकार हेः-
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1. प्रौढ़ शिक्ष, अनौपचारिक शिक्षा, प्रतियोगात्मक शिक्षा, तथा लोगों को कम्प्यूटरीकृत शिक्षण, सम्बन्धी लोगों को निःशुल्क शिक्षण एवं प्रशिक्षण देना। -
2. कम्यूटर शिक्षा, इंटरनेट शिक्षा, टाइप राइटिंग, शार्टहैण्ड रेफ्रिजरेशन व एअर कण्डीशन, इलेक्ट्रिशियन व आटो मैकेनिक ऐवियेशन आदि की शिक्षा व्यवस्था करना व फैशन डिजाइनिंग इंटिरियर डिजाइनिंग आधुनिक प्रचार माध्यमों आदि की रोजगारपरक निःशुल्क प्रशिक्षण देना। -
3. जनसाधारण का समाजिक, मानसिक, नैतिक चारित्रिक आध्ययात्मिक विकास करना एवं लोगों में देश विकास करना। प्रेम एवं शैक्षिक, वौद्धिक, वैचारिक सामन्जस्य का विकास करना।
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4. केन्द्र / राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में शासन / प्रशासन द्वारा किसानों मजदूरों के ऊपर गलत नीतियों द्वारा लगाये गये नियम कानूनों का घरना प्रदर्शन करके किसानों मजदूरों को अपना उचित हक दिलाना। -
5. शैक्षिक विकास हेतु विधालयों / बालिका विधालयों, कालेजों एवं मदरसे का संचालन करना जिसमें प्रार्थिमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक शिक्षा व्यवस्था शासन की पूर्व अनुमति से कराना। -
6. ज्ञानवर्धन हितार्थ, पुस्तकालय एंव वाचनालय की व्यवस्था करना एवं ज्ञान विज्ञान की जानकारी देना। -
7. समय-समय पर संस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठी, विचारगोष्ठी, सेमिनार, सम्मेलन, खेलकूद, प्रतियोगिता, योग कार्यक्रम, वाद विवाद प्रतियोगित, जागरूकता शिविर, स्वास्थय शिविर, सामाजिक जागरूकता, प्रदर्शिनि एव पल्स पोलियों प्रतिरक्षण शिविरों, आदि का आयोजन करना। -
8. महिलाओं/बालिकाओं/युवाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, शिल्पकला, ललितकला, संगीत, नृत्य अभिनय, फोटोग्राफी, क्रियेटिव राइटिंग, ब्यूटीशियन, चिकन जरी, डालगेकिंग, फलावर मेंकिंग, फल, प्रसेस्करण, खाध प्रसंस्करण, प्रिटिंग, स्क्रिन प्रिटिंग, आफसेट प्रिटिंग, पेन्टिंग, बाल पेन्टिग आदि का निःशुल्क परिक्षण दिलाकर उनमें स्वावलम्बन की भावना जागृति करना। -
9. अनुसुचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, दलितों पिछड़ी जातियों एवं शोसित वर्ग तथा ग्रामीण बेरोजगार नव युवकों को रोजगार परक शिक्षण एवं प्रशिक्षण अथवा उनके उत्थान एवं कल्याण हेतु कार्य करना। -
10. राष्ट्रीय ऐकता एंव सम्प्रदायिक सदभाव शिविरों का आयोजन करना तथा समाज दिभ्भ्रमित युवा वर्ग को वैचारिक कार्यक्रम से नैतिक एवं बौद्धिक विकास कर उन्है स्वावलम्बी बनाने व कार्यशालाओं का आयोजन करना। -
11. पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्त, परिवारकल्याण, स्वास्थकल्याण, टीकाकरण, वृक्षारोपण समाजिक वानिकी, कृष्ठउन्मूलन, दहेज उन्मूलन, हरियाली कार्यक्रम, प्रदेषण नियंत्रण ऊसर-बंजर भूमि सूधार बागवानी विकास, बैकल्पिक उर्जा, विकास पशु-पक्षी (जीव-जन्तु) संरक्षण, गौसंरक्षण, फल प्रसंस्करण, खाधप्रसस्करण, भूमि एवंम् जल प्रबन्धन एवंम् जल संचयन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, दुग्धविकास आदि कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करना एवं निःशुल्क प्रशिक्षण कराना। -
12. जनहितार्थ चिकित्सालय अनाथालय छात्रावास, व्यायामशाला, योगशाला, विधवा आश्रम, वृद्धाश्रम, शिशुपालन, गृह बालवाणी, आंगनवाड़ी आदि की स्थापना करना। -
13. ग्रामीण स्वच्छता, शुद्धपेय जल एवंज ल व भूमि प्रबन्धन एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रचार व संचालन करना एवं गौशंकरक्षण हेतु गौशालाओं की स्थापना व प्रचारसस प्रसार करना । -
14. गरीब व असहाय बच्चों को शिक्षा विभाग के नियमानुसार शिक्षा दिलाने की व्यवस्था करना। -
15. देवी आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, अग्निकाण्ड, भूकम्प, ओलावृष्टि, तूफान आदि के समय पीड़ितों की हर सम्भव सहायता करना। -
16. परिवार कल्याण कार्यक्रम टाइफाइड, टीकाकरण, पोलियों ड्राप, एस०टी०डी० एड्स, चिकनपाक्स, कैंसर, आदि जैसे भयंकर रोगों का निवरण मधनिशेद, सामाजिक कुरीतियों के निवारण एवं महिला उत्पीड़न निवारण हेतु शिविर कैम्पों के माध्यम से प्रचार प्रसार करना। -
17. समाज के शारीरिक विकलांग मूकबधिर नेत्रहीन, बेसहारा, मन्दबुद्धि, बच्चों के लिए सर्वागीण विकास हेतु कार्य करना। -
18. समाज के प्रबुद्ध वर्ग को जोड़कर समाज में कुरीतियों अंधविश्वास अध्यावस्वास को जड़ से समाप्त करना। -
19. समाज के लोगों से सहयोग प्राप्त करके छात्रावास संस्थान शिक्षण अनाथालय (वृद्ध एवं महिला) इत्यादि स्थापित करना। -
20. युवाओं में आपसी सद्भावना कायम रखने के लिए राष्ट्र के प्रति राष्ट्रप्रेम व देशभक्ति की भावना भरने के लिए समय-समय पर राष्ट्र के प्रति बलिदान हुए शहीदों की याद में सेमिनार, गोष्ठी, रक्तदान शिविर, अंगदान शिविर का निःशुल्क आयोजन संचालन अनुसंरक्षण व प्रबोधन करना राष्ट्रभक्त से प्रेरित गीतों से परिपूर्ण नुक्कड़ नाटक, कौमिऐकता सप्ताह, राष्ट्रीय दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रम, युवादउत्सव व संगोष्ठी आयोजित करना।